Wednesday, August 28, 2013

कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाये …

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बुद्ध, जैन और कृष्ण श्रमण सभ्यता के तीन अंग है I कृष्ण में श्रद्धा रखने वाले सभी बन्धुओ को कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाये I उम्मीद है आप के ह्रदय में भी कृष्ण पैदा होंगे I दरअसल कृष्ण मथुरा में पैदा होते है .... मथुरा के आप पास की गयी खुदाई में कृष्ण का अस्तित्व बारहवी सताब्दी से पहले नहीं मिलता है मथुरा का पुरातत्व संग्रहालय इसका गवाह है I फिर वो कृष्ण की मथुरा कौन सी जगह है I दरअसल जब आप अपने मन को थुरते है तो उसमे कृष्ण पैदा होते है ... इस लिए इसे मथुरा कहते है I जब आप मन को नियंत्रित करने की साधना करते है तो उसमे कृष्ण पैदा होते है I बुद्ध भी कहते है जिसने अपने मन को जीत लिया वही सबसे बड़ा शूरवीर है, जिसने अपने इन्द्रियों को जीत लिया वही जिन्न और जैन है I
कृष्ण कहते है मुझे प्राप्त करने का रास्ता गुरु से हो कर जाता है I गुरु की सूरत में में ध्यान लगाओ और किसी भी दो सब्द के अक्षर का हर आने जाने वाली श्वास में जाप करो ... मै तुम्हे दर्शन दूंगा ... मै तुम्हारे मन में पैदा हो जाऊंगा I रामानंद ने भी कबीर को बनारस के घाटो की सीढियों पर यही दीक्षा दी थी I
बुद्ध कहते है जो पैदा होगा वह मृत्यु को प्राप्त होगा , संसार में सब कुछ नशवर है इस लिए किसी की सूरत और सीरत में ध्यान मत लगाओ, कही भी धोखा हो सकता है I लेकिन तुम स्वयं मात्र एक ऐसे व्यक्ति हो जो अपने आप को धोखे से बचा सकता है और तुम जब तक जिन्दा हो तुम्हारी शवास जिन्दा है ... इस लिए तुम ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी शवास में लगाओ, साथ साथ अपने मन के कोने में एक ऐसा दीपक जलाओ जो तुम्हारा मार्गदर्शन कर सके .... अप्प दीपो भव I
फैसला आप का होगा ... गुरु आप को चुनना है ... कही गुरु घंटाल चुन लिया तो आपकी बीबी बहु बेटी सुरक्षित नहीं बचेगी I रोज बलात्कार होगा और आप जिम्मेदार होंगे इसके लिए I राजस्थान में बहुत सारी महिलाये आज भी बहुत से गुरुघंटाल बाबाओ की शिकार होती है ... मजा तो इस बात में है की वे कहती है की गुरु तो पूरी जिंदगी में एक ही बनाना होता है चाहे वो जो करे .... मानसिक गुलामी की हद है यह I
अप्प दीपो भव I  गोविंदा .. गोविंदा I

साभार : श्री अजय सिंह मौर्या

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