🌹कार्तिक-पूर्णिमा🌹
🌷 कार्तिक पूर्णिमा का बुद्ध-धम्म में महत्व🌷
आज 12 नवम्बर 2019 कार्तिक पूर्णिमा है. कार्तिक पूर्णिमा की सभी देशवासियों को -
🙏 हार्दिक बधाई ,
🙏 मंगलकामनाएँ,
🙏 धम्मकामनाएँ...
🔸1) विश्वगुरु शाक्यमुनि भगवान् तथागत गोतम बुद्ध द्वारा ,
संघ के प्रथम 60 अर्हत भिक्खुओं को लोक कल्याण हेतु चारों दिशाओं में जाकर धम्म प्रचार का निम्वनवत शब्दों में आदेश —
🎯
🌹चरथ, भिक्खवे, चारिकं -
🌹बहुजनहिताय
🌹बहुजनसुखाय
🌹लोकानुकंपाय,
🌹अत्थाय हिताय सुखान देवमनुस्सानं।
🌹देसेथ, भिक्खवे, धम्म -
🌹आदिकल्याण,
🌹मज़्झेकल्याण,
🌹परियोसानकल्याण सात्थं,
🌹सब्बजनं केवलं परिपुण्ण परिसुद्ध
ब्रह्मचरिय पकासेथ’। " 🎯
🔸2) देवानंपिय (बुद्ध/अर्हत/देवों के प्रिय)
राजा चक्रवर्ती सम्राट असोक महान का
परिनिब्बान दिवस (मृत्यु) ।
🔸3) तथागत बुद्ध द्वारा जटिल उरूवेल
कस्सप की धम्मदीक्षा ।
🔸4) तथागत बुद्ध द्वारा सारिपुत्त की
धम्मदीक्षा ।
🔸5) सारिपुत्त के तीन भाई -
🔺सुंद,
🔺उपसेन व
🔺रेवत और
🔸तीन बहनें -
🔺चाला,
🔺उपचाला,
🔺सिसुपाला को भिन्न-भिन्न वर्षों में धम्मदीक्षा
प्राप्त हुई ।
🔸6) भिक्खु उरूवेला कस्सप का
परिनिब्बान ।
🔸7) धम्म सेनापति सारिपुत्त का नालाग्राम में
परिनिब्बान ।
🔸8) सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में
अनागारिक धम्मपाल ने 1931 में तक्षशिला
से विश्वगुरु तथागत गोतम बुद्ध की धातु
(अस्थि अवशेष) को लाकर स्थापित किया ।
🌹भवतु सब्ब मंगलं🌹
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