Wednesday, March 14, 2012

चीन में मिली बुद्ध की 2000 से अधिक प्राचीन प्रतिमाएं

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चीन के हेबेई प्रांत में पुरातत्वविदों ने बुद्ध की 2,000 से अधिक प्राचीन प्रतिमाएं खोजी हैं.

इन प्रतिमाओं की खोज से पता चलता है कि साम्यवादी देश में बौद्ध धर्म तब से ही लोकप्रिय है जब इसका भारत में प्रसार हुआ था.
लिनझांग काउंटी के येशेंग स्थित एक ऐतिहासिक स्थल पर मिलीं बुद्ध की ये 2,895 प्रतिमाएं और उनके अवशेष पूर्वी वेई और उत्तरी क्वी काल (534-577) के हैं.
‘इन्स्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी ऑफ द चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज’ और ‘हेबेई प्रॉवीन्शियल इन्स्टीट्यूट ऑफ कल्चरल हैरिटेज’ के पुरातत्वविदों के अनुसार, ये प्रतिमाएं सफेद संगमरमर और नीले पत्थरों से बनी हैं. कुछ प्रतिमाओं पर रंग किया गया है या कलई की गई है.
खबर के मुताबिक हेबेई प्रॉवीन्शियल ब्यूरो ऑफ कल्चरल हैरिटेज’के एक अधिकारी झांग वेनरूई ने बताया कि प्रतिमाओं की लंबाई 20 सेन्टीमीटर से लेकर एक वास्तविक व्यक्ति के आकार तक की है.
पुरातत्वविद संरक्षण और अनुसंधान के लिए इन प्रतिमाओं की मरम्मत कर रहे हैं. समझा जाता है कि करीब 2,000 साल पहले भारत से बौद्ध धर्म का चीन में प्रसार हुआ था.

साभार : समय लाइव

Friday, March 9, 2012

समस्याग्रस्त जीवन और चेतना

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एक ज़ेन शिष्य  ने अपने गुरु से  पूछा, "जीवन इतना अधिक समस्याग्रस्त क्यूं दिखाई देता है ?".
ज़ेन गुरु ने कहा   " एक आदमी नाव के होते हुये भी पानी मे बैठता है तो उसको तुम क्या कहोगे ?"
शिष्य ने कहा , “ अगर उसके पास नाव है तो वह पानी में क्यूं बैठेगा ? ”

“ अगर तुम्हारे पास चेतना है तो समस्याग्रस्त जीवन मे क्यूं बैठते हो ” जेन गुरु ने उत्तर दिया ।

John Weeren की कहानी “ Story; a man, a boat ” का हिन्दी अनुवाद ।