एक ज़ेन शिष्य ने अपने गुरु से पूछा, "जीवन इतना अधिक समस्याग्रस्त क्यूं दिखाई देता है ?".
ज़ेन गुरु ने कहा " एक आदमी नाव के होते हुये भी पानी मे बैठता है तो उसको तुम क्या कहोगे ?"
शिष्य ने कहा , “ अगर उसके पास नाव है तो वह पानी में क्यूं बैठेगा ? ”
“ अगर तुम्हारे पास चेतना है तो समस्याग्रस्त जीवन मे क्यूं बैठते हो ” जेन गुरु ने उत्तर दिया ।
John Weeren की कहानी “ Story; a man, a boat ” का हिन्दी अनुवाद ।
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