यह कुछ अजीब सा इत्त्फ़ाक ही है कि बुद्ध तक पहुँचने तक मेरा मार्ग ओशो की दिव्य वाणी और व्याख्या से निकला । करीब १० वर्ष पूर्व जब पहली बार ओशो द्वारा प्रवचित एस धम्मो सनंतनॊ को पढने और समझने का मौका मिला तो मेरे पथ स्वयं ही बुद्ध की ओर मुड गये । सच मे ओशो ने बुद्ध को बहुत गहराई से समझा है । ’ एस धम्मो सनंतनॊ ’ मे केवल व्याख्या ही नही है , ओशो की दिव्य मनीषा , गहन बोध , और सहजानुभूति का उन्मेष भी है । सावत्थी मे पंचसत भिक्खु को दिये गय उपदेश ही निहित इस प्रशन – ’ को धमपदं सुदेसितं कुसलॊ पुप्फ़मिव पचेस्सति ’ – का उत्तर ओशो की ’ एस धम्मो सनंतनॊ ’ शीर्षक वार्ता माला के रुप मे हमारे सामने उपसिथत हो गया है ।
स्वामी प्रेम विस्तार जी का आभारी हूँ जिनकी अथक मेहनत से ओशो की ’’एस धम्मो सनंतनॊ ’ पर यह व्याख्या माला आडियो के रुप मे हमारे सामने है । १२ खंडों मे निहित ’एस धम्मो सनंतनॊ ’ पर ओशो की व्याख्या को डाऊनलोड करने के लिये निम्म लिंक पर चटका लगायें ।
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