हजार मोमबत्तियों की रौशनी से भी बढ़कर है अपने अंदर की रौशनी उसको ही आधार बनाओ उससे ही प्रजवल्लित हो "अप्प द्धीप भवो " यही तो देशना है बुद्ध की अपने द्धीप स्वयं बनो दीपावली की आप सबको बहुत -2 शुभकामनाये ।
No comments:
Post a Comment