डां के.श्री धम्मानन्द जी की “ धम्म जीवन कैसे जियें ” मूलत: ‘How to practice Buddhism ‘ का हिन्दी अनुवाद है । जैसा कि पुस्तक के नाम से स्पष्ट है कि यह पुस्तक बुद्ध धम्म को प्रतिदिन के व्यवहार में प्रयुक्त करने हेतु दिशानिर्देश प्रस्तुत करती है । बौद्ध आध्यात्मिक साहित्य मे बहुत कुछ लिखा गया है लेकिन दिशा निर्देशों के अभाव मे सब कुछ स्पष्ट नही है । श्री प्रेम गोपाल दुग्गल जी द्वारा अनुवादित और श्री राजेश चन्द्रा जी द्वारा संपादित डां के.श्री धम्मानन्द जी की यह पुस्तक बुद्ध धम्म के कई अनछुये पहुलऒं को छूती है जिनमें सामाजिक , बौद्धिक , और स्थानीय परम्परायें भी शामिल है ।
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Dhaam Jeevan Kaise Jiyen
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