Saturday, February 18, 2012

बचना

 

Escape-to-Meditation

एक जेन छात्र ने अपने गुरु से पूछा .“ क्या जेन ध्यान का मकसद स्वर्ग प्राप्ति की अभिलाषा है ? “

उसके गुरु ने कहा , “ नहीं “

“ तो क्या जीवन की परेशानियाँ और अंशाति से बचने का उपाय जेन ध्यान  मे है ? ”

गुरु ने कहा , “ बचना कैसा ? “ जेन वास्तविकता को उसी रुप में  स्वीकार करने की कला है । ”

John Weeren की  जेन कहानी  “ escape “ का हिन्दी अनुवाद

 

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