Thursday, April 8, 2010

दो भेडियों के बीच की लडाई

story-of-two-wolves 

यह बहुत पुरानी कहानी है । एक शाम एक बुजुर्ग ने अपने पौत्र को इन्सान के अन्दर चल रही दो भेडियों की लडाई के बारे मे सुनाई । " मेरे बेटे हर इन्सान के अन्दर दो भेडियों के बीच लडाई चलती रहती है ।  " एक  बुराई है जिसमे क्रोध , ईर्ष्या , दुख, पछतावा, लालच , अभिमान , अपराधबोध, हीनता , झूठ, मिथ्या और अहंकार है " और " दूसरी अच्छाई है जिसमे खुशी , शांति, प्रेम, आशा, विनम्रता दया , परोपकार , सहानूभूति , उदारता , सच , करुणा और विशवास है । "

नन्हें से बालक ने एक पल के लिये सोचा और अपने दादा से पूछा : " दादाजी , इनमे कौन सा भेडिया जीतता है ? " उस बुजुर्ग ने कहा , " वही भेडिया जिसे तुम खाना खिलाते हो । "

 

One evening an old Cherokee Indian told his grandson about a battle
that goes on inside people. He said,
"My son, the battle is between two wolves inside us all".
"One is Evil -  It is anger, envy, jealousy, sorrow, regret, greed, arrogance,
self-pity, guilt, resentment, inferiority, lies, false pride, superiority, and ego".
"The other is Good -  It is joy, peace, love, hope, serenity, humility, kindness,
benevolence, empathy, generosity, truth, compassion and faith".
The grandson thought about it for a minute and then asked his grandfather:
"Which wolf wins?
The old Cherokee simply replied, "The one you feed"!

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