हममे से अधिकतर लोग अपने भविष्य को जानने की उत्सुकता रखते हैं । इसके लिये हम से कुछ अति शंकालु लोग भविष्यवक्ताओ और ज्योतिषयों से समय समय पर मदद लेते रहते हैं । थाइलैंड मे निवास के दौरान मैने देखा कि भिक्षुओं की भी गिनती भविष्यवक्ताओं के रुप मे भी होती है । लेकिन व्यवाहारिक रुप से अधिकतर भिक्षु इनसे दूर ही रहना पसंद करते हैं ।
मेरे गुरु अजह्न्ह शाह को कई शक्तियाँ प्राप्त थी । अधिकतर उनकी कही बाते पत्थर में खींची लकीरो की तरह ही होती । एक दिन अजह्न्ह के एक पुराने शिष्य ने उनसे अपना भविष्य बताने पर जोर दिया । अजह्न्ह ने हमेशा की य्तरह उसको मना किया । लेकिन वह जानेको तैयार नही हुआ । उसने अजहन्ह को याद दिलाया कि उसने कितनी बार उस मठ की मदद की थी और कितनी बार अपने महत्वपूर्ण कार्यों को छोडकर वह अजन्ह को लेकर जगह –२ घूमा था ।
अजह्न्ह ने जब देखा कि वह टलने वाला नही है तो उन्होने उससे कहा , “ अपना हाथ आगे करो । मै तुम्हारी हाथॊ की लकीरों को देखना चाहता हूँ । “
वह तो बहुत ही हर्ष मे पड गया । लेकिन सबसे मजे की बात यह थी कि अजह्न्ह ने इसके पहले किसी का हाथ कभी भी देखा भी नही था । अजह्न्ह बार अपनी ऊँगलियों को उसकी हथेली पर घुमाते और अपने आप बड्बडाते हुये कहते , “ आशचर्यजनक , अद्भुत !! “ बेचारे उनके शिष्य की धड्कने अनुमान लगाने मे लगी रही ।
अजहन्ह ने उसका हाथ देखना समाप्त किया और उससे बोले , “ इस तरह तुम्हारा भविष्य अब सामने आ गया है और मैरी भवीष्यवाणी कभी भी गलत नही होती । “
“हाँ , हाँ मै भी अपना भविष्य जानना चाहता हूँ कि वह कैसा होगा ? “ शिष्य ने अधीरता से कहा ।
“ तुम्हारा भविष्य बहुत ही अनिश्चित है | “ अजह्न्ह यह कह कर चुप हो गये और उनका प्रिय शिष्य विस्मयपूर्ण नजरों से उनको देखता रह गया ।
अजह्न्ह ब्रह्म की पुस्तक , “ Who ordered this trucload of Dung ? “ मे से ली गई कहानी “ Predicting the future ” का हिन्दी अनुवाद ।