वर्तमान मे रहने का अर्थ यह नही है कि आप अतीत को भूल जायें या भविष्य की जिम्मेदारी से दूर चले जायें । बल्कि इसका अर्थ यह है कि आप अतीत को लेकर पछतावा न करें और भविष्य को लेकर चिंता न करें । अगर आप सचेतावस्था के साथ अतीत को देखेगें तो आप पायेगें कि अतीत आप की यात्रा में एक जांच का उद्देशय हो सकता है कि ऐसी परिस्थतियाँ क्यों और कैसे उत्पन्न हुयी । अतीत मे देख कर आप कई अंतर्दृष्टियों को प्राप्त भी कर सकते हैं लेकिन साथ ही में यह आवशयक है कि आप की दृष्टि वर्तमान समय पर सचेतावस्था के साथ रहे । ~
तिक न्यात हन्ह, The Art of Power~
“To dwell in the here and now does not mean you never think about the past or responsibly plan for the future. The idea is simply not to allow yourself to get lost in regrets about the past or worries about the future. If you are firmly grounded in the present moment, the past can be an object of inquiry, the object of your mindfulness and concentration. You can attain many insights by looking into the past. But you are still grounded in the present moment.”
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Thich Nhat Hanh, The Art of Power
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