Wednesday, October 28, 2015

चक्क्र्मं सुत्त

चक्क्र्मं सुत्त

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एक समय भगवान राजगह में गिज्झ्कूट पर्वत पर विहार करते थे | उस समय आयुष्मान सारिपुत्र कुछ भिक्षुओ के साथ भगवान से कुछ ही दूरी पर चंक्रमण कर रहे थे | आयुष्मान महामोग्गालान, आयुष्मान महाकाश्यप, आयुष्मान अनुरुद्ध, आयुष्मान पुन्ण मन्तानिपुत्त, आयुष्मान उपालि, आयुष्मान आनन्द, और देवदत्त भी कुछ भिक्षुओ के साथ कुछ दूरी पर चंक्रमण कर रहे थे |
तब भगवान ने भिक्षुओ को आमंत्रित किया :--

“ भिक्षुओ ! तुम सारिपुत्र को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु बड़े प्रज्ञा वाले हैं |”

“ भिक्षुओ ! तुम मोग्गालान को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु बड़े ऋद्धि वाले हैं |”

“ भिक्षुओ ! तुम काश्यप को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु ध्रुतंग धारण करने वाले हैं |
“ भिक्षुओ ! तुम अनुरुद्ध को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु दिव्य चक्षु वाले हैं |
“ भिक्षुओ ! तुम पुन्ण मन्तानिपुत्त को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु बड़े धर्मकथिक हैं |”

“ भिक्षुओ ! तुम उपालि को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु बड़े विनयधर हैं |”

“ भिक्षुओ ! तुम आनन्द को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु बहुश्रुत हैं |”

“ भिक्षुओ ! तुम देवदत्त को कुछ भिक्षुओ के साथ चंक्रमण करते देख रहे हो न ?”
“ हाँ भन्ते !”
“ भिक्षुओ ! वे सभी भिक्षु पापेच्छ हैं |”

“ भिक्षुओ ! सभी प्राणी धातुओ के अनुसार परस्पर मेलजोल करते है | हीन प्रवृति वाले हीन प्रवृति वालो के साथ, उत्तम प्रवृति वाले उत्तम प्रवृति वालो के साथ ही सिलसिले में चलते और मिलते है |

“ भिक्षुओ ! अतीत में भी ऐसा ही होता था, अनागत (भविष्य) में भी ऐसा ही होगा और इस समय भी ऐसा ही हो रहा हैं |

चक्क्र्मं सुत्त , संयुक्त निकाय

साभार :

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शेखर  वर्मा

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