Saturday, September 8, 2012

जीवन जीने की कला – विपश्यना साधना

ध्यान प्रक्रियायों मे विपशयना ध्यान पद्द्ति भगवान बुद्ध द्वारा अन्वेषित प्रक्रिया सबसे अलग और तर्क और वैज्ञानिक सम्पत है । 

बुद्ध कहते थे ’ इहि पस्सिको’ - आओ और देख लो । मानने की आवशकता नही है । देखो और फ़िर मान लेना । विपशयना का अर्थ है शांत बैठकर , शवास को बदले बिना ..शवास के प्रति साक्षीभाव । जहाँ प्राणायाम मे शवास को बदलने की चेष्टा की जाती है वही विपशयना मे शवास जैसी है वैसे ही देखने की आंकाक्षा है ।

बुद्ध इसके लिये  किसी धारणा का आग्रह नही करते । और बुद्ध के देखने की जो प्रक्रिया थी उसका नाम है विपस्सना ।
विपसन्ना बहुत सीधा साधा प्रयोग है । अपनी आती जाती शंवास के प्रति साक्षीभाव । शवास सेतु  है , इस पार देह , उस पार चैतन्य और मध्य मे शवास है । शवास को ठीक से देखने का मतलब है कि अनिवार्य रुपेण से हम शरीर को अपने से भिन्न पायेगें । फ़िर शवास अनेक अर्थों मे महत्वपूर्ण है , क्रोध मे एक ढंग से चलती है दौडने मे अलग , आहिस्ता चलने मे अलग , अगर चित्त शांत है तो अलग और अगर तनाव मे है तो अलग । विपस्सना का अर्थ है शांत बैठकर , शवास को बिना बदले देखना । जैसे राह के किनारे बैठकर कोई राह चलते यात्रियों को  देखे , कि नदी तट पर बैठ कर नदी की बहती धार को देखे । आई एक तरगं तो देखोगे और नही आई तो  भी  देखोगे   । राह पर निकलती कारें , बसें तो देखोगे नही तो नही देखोगे । जो भी है जैसा भी है उसको वैसे ही देखते रहो । जरा भी उसे बदलने की कोशिश न करें । बस शांत  बैठकर शवास को देखो । और देखते ही देखते शवास और भी अधिक शांत हो जाती है क्योंकि देख्ने मे ही शांति है ।

हिन्दी मे ध्यान पर बहुत ही कम वीडियो उपलब्ध हैं । Meditation Techniques in Hindi  यू ट्यूब पर उपलब्ध है , मूलत:Spiritual Reality –journey withinका हिन्दी अनुवाद है । न सिर्फ़ यह विपशयना के बारे मे आपको बतायेगा बल्कि और भी ध्यान पद्द्तियों से भी रुबरु करायेगा । य टूयूब पर सीधे देखने के लिये http://youtu.be/L4thsq2m0ic पर क्लिक करें ।

1 comment:

  1. i have watched it fully...its too great to learn according to the given method of meditation...whenever i tried, it gives immense relaxation to me...thnx

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