Saturday, August 24, 2013

सनातन धर्म

sanatan dharam as described by Buddha
आदमी को चाहिये कि क्रोध को प्रेम से जीते , बुराई को भलाई से जीते . कंजूस को  उदारता से हटाये और झूठे को सत्य से । घृणा कभी भी घृणा से नही जीती जा सकती । बैर हमेशा प्रेम से जीता जा सकता है । यही सनातन धर्म है । ~धम्मपद ~

3 comments:

  1. ॐ मने पदमने , ॐ नमो बुद्धाय ,

    ReplyDelete
  2. एस धम्मो सनन्तनो

    ReplyDelete
  3. आदरणीय श्रीमान जी,
    सादर प्रणाम |
    इतने सुंदर ब्लॉग पर ,इतनी सुंदर बातें ...अत्यन्त ज्ञानवर्धक |बहुत बहुत आभार |इस ब्लॉग पर आकर बहुत शांति महसूस होती हैं |
    **********************नई पोस्ट-
    “शीश दिये जों गुरू मिले ,तो भी कम ही जान !”

    ReplyDelete