दिल्ली सरकार के गवर्नमेंट स्कूलों के टीचर्स को अब एक नई ट्रेनिंग से गुजरना होगा। सरकार ने फैसला किया है कि गवर्नमेंट स्कूलों के टीचर्स को विपश्यना (मेडिटेशन) ट्रेनिंग करनी होगी और दस दिन के कोर्स को पूरा करने के बाद टीचर्स अपने स्टूडेंट्स को टेंशन फ्री रहने और सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के गुर सिखाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने मंडे शाम को विपश्यना ट्रेनिंग को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है। टीचर्स को इस ट्रेनिंग के लिए कोई खर्च नहीं करना होगा। दस दिन की ट्रेनिंग के दौरान टीचर्स को ऑन ड्यूटी माना जाएगा, साथ ही विपश्यना साधना संस्थान से सर्टिफिकेट हासिल करने वाले टीचर्स को टीए-डीए भी मिलेगा।
डिप्टी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसौदिया ने बताया कि विपश्यना ट्रेनिंग का मकसद एजुकेशन में सुधार लाना है। यह साइंटिफिक मेडिटेशन टेक्निक है और इससे स्कूल टीचिंग को और बेहतर बनाया जा सकेगा। स्कूलों का माहौल भी बदलेगा। डिप्टी सीएम का कहना है कि सरकार का यह दायित्व है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अच्छे नागरिक बनें और इसके लिए जरूरी है कि पॉजिटिव माहौल बनाया जाए और टीचर्स भी क्लासरूम टीचिंग में नए-नए एक्सपेरिमेंट करें। विपश्यना स्वयं का निरीक्षण करने की पद्धति है और निश्चित तौर पर इस ट्रेनिंग को करने के बाद स्कूलों का माहौल बदलेगा। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा टीचर्स इस ट्रेनिंग को करें और ट्रेनिंग का पूरा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। पढ़ाने के तौर-तरीकों में बदलाव आएगा। डिप्टी सीएम का कहना है कि अभी तो सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए यह ट्रेनिंग शुरू की गई है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों को भी इस बारे में एडवाइजरी जारी की जाएगी, ताकि उन स्कूलों के टीचर्स भी इस ट्रेनिंग को करने के लिए आगे आ सकें।
देश के कई शहरों में टीचर्स को इस तरह की ट्रेनिंग करवाई जा रही है ताकि वे अपने स्टूडेंट्स को शांत रहने के तरीके सिखा सकें। बढ़ता तनाव स्टूडेंट्स पर भी भारी पड़ रहा है और विपश्यना ट्रेनिंग करने के बाद टीचर्स क्लासरूम टीचिंग में नए एक्सपेरिमेंट कर सकेंगे और स्कूल में स्टूडेंट्स के ओवरऑल डिवेलपमेंट के मकसद को हासिल किया जा सकता है। शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर में कहा गया है कि एजुकेशन का मतलब केवल क्लासरूम में कोर्स की पढ़ाई करवाना ही नहीं है, बल्कि स्टूडेंट्स को एक अच्छा नागरिक बनाने की जिम्मेदारी भी स्कूल पर होती है। ऐसा देखा जा रहा है कि आजकल की गला-काट प्रतियोगिता के इस दौर में स्टूडेंट्स तनाव का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए विपश्यना जैसी ट्रेनिंग भी जरूरी है। यह कोई तंत्र-मंत्र पर आधारित टेक्निक नहीं है। इस टेक्निक के बारे में डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि यह साधना पद्धति है और स्वयं को जानने की कोशिश होती है।
डिप्टी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसौदिया ने बताया कि विपश्यना ट्रेनिंग का मकसद एजुकेशन में सुधार लाना है। यह साइंटिफिक मेडिटेशन टेक्निक है और इससे स्कूल टीचिंग को और बेहतर बनाया जा सकेगा। स्कूलों का माहौल भी बदलेगा। डिप्टी सीएम का कहना है कि सरकार का यह दायित्व है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अच्छे नागरिक बनें और इसके लिए जरूरी है कि पॉजिटिव माहौल बनाया जाए और टीचर्स भी क्लासरूम टीचिंग में नए-नए एक्सपेरिमेंट करें। विपश्यना स्वयं का निरीक्षण करने की पद्धति है और निश्चित तौर पर इस ट्रेनिंग को करने के बाद स्कूलों का माहौल बदलेगा। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा टीचर्स इस ट्रेनिंग को करें और ट्रेनिंग का पूरा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। पढ़ाने के तौर-तरीकों में बदलाव आएगा। डिप्टी सीएम का कहना है कि अभी तो सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए यह ट्रेनिंग शुरू की गई है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों को भी इस बारे में एडवाइजरी जारी की जाएगी, ताकि उन स्कूलों के टीचर्स भी इस ट्रेनिंग को करने के लिए आगे आ सकें।
देश के कई शहरों में टीचर्स को इस तरह की ट्रेनिंग करवाई जा रही है ताकि वे अपने स्टूडेंट्स को शांत रहने के तरीके सिखा सकें। बढ़ता तनाव स्टूडेंट्स पर भी भारी पड़ रहा है और विपश्यना ट्रेनिंग करने के बाद टीचर्स क्लासरूम टीचिंग में नए एक्सपेरिमेंट कर सकेंगे और स्कूल में स्टूडेंट्स के ओवरऑल डिवेलपमेंट के मकसद को हासिल किया जा सकता है। शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर में कहा गया है कि एजुकेशन का मतलब केवल क्लासरूम में कोर्स की पढ़ाई करवाना ही नहीं है, बल्कि स्टूडेंट्स को एक अच्छा नागरिक बनाने की जिम्मेदारी भी स्कूल पर होती है। ऐसा देखा जा रहा है कि आजकल की गला-काट प्रतियोगिता के इस दौर में स्टूडेंट्स तनाव का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए विपश्यना जैसी ट्रेनिंग भी जरूरी है। यह कोई तंत्र-मंत्र पर आधारित टेक्निक नहीं है। इस टेक्निक के बारे में डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि यह साधना पद्धति है और स्वयं को जानने की कोशिश होती है।
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