नीदरलैंड में ड्रेंथे के ऐतिहासिक संग्रहालय के कर्मचारियों ने एक चौंकाने वाला आविष्कार किया है।
बैठे हुए बुद्ध की एक चीनी प्रतिमा के अंदर भिक्षु की ममी पायी गयी। इस का पता तब चल गया जब मूर्ति की बहाली करते वक्त उसको एक सीटी स्कैनर में रखा गया। अब यह प्रतिमा बुडापेस्ट के एक संग्रहालय में प्रदर्शित की जा रही है जहां वह 2015 के मई तक प्रदर्शित रहेगी।
शोधकर्ताओं ने टोमोग्राफी के समय प्राप्त छवियों में एक ममी को देखा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ममी चीनी भिक्षु लूत्सुआन की है जिसकी मौत 1100 ईस्वी के आसपास चीन में हुई थी। प्रतिमा की जांच करते वक्त इस बात का पता लगाया गया कि ममीकरण के समय शरीर के आंतरिक अंग हटाये गये थे जिसके बाद उसको कागज़ के छोटे छोटे टुकड़ों से भर गया, जिन पर प्राचीन चीनी अक्षर लिखे हुए हैं।
वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि भिक्षु की ममी ग्यारहवीं या बारहवीं शताब्दी में बनायी गयी थी। यानी वह लगभग एक हजार साल पुरानी है।
साभार : http://hindi.sputniknews.com/vishv/20150302/1013625844.html#ixzz3YZB33HmI
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