Tuesday, June 30, 2015

धनकर बौद्ध मठ हिमाचल प्रदेश

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Photo credit : wikipedia

धनकर बौद्ध मठ

धनकर बौद्ध मठ धनकर गांव में है जो कि हिमाचल के स्पीति में समुद्र तल से 3890 मीटर की उंचाई पर स्थित है । यह जगह ताबो और काजा दो प्रसिद्ध जगहो के बीच में भी है । स्पीति और पिन नदी के संगम पर स्थित ये जगह दुनिया में बौद्ध धर्म के भी और ऐतिहासिक विरासतो में भी स्थान रखती है

यह जगह प्राचीन काल का इतिहास आंखो के सामने खोलकर रख देती है । 1000 फुट उंची एक ढांग पर बनाया गया और दो नदियो के संगम पर स्थित ये किसी भी बौद्ध मठ के लिये आदर्श जगह मानी जाती है । ढांग जो कि हमारे यहां पर देशी भाषा में बोला जाता है यानि की पहाड का एक छोटी सा भाग और कर या कार का मतलब किला कहा जाता है इसीलिये इसका नाम धनकर जो कि अब अपभ्रंश में हो गया है पडा ।

यहां से स्पीति और पिन दोनो नदियो का अदभुत दृश्य दिखायी देता है । गोम्पा के नीचे गांव बसा हुआ है । गोम्पा और किला आपस में जुडे हुए थे । हालांकि लगातार होते वायु एवं जल के क्षरण के कारण अब ये विलुप्त होने की कगार पर खडे हैं क्योंकि ये जगह लगातार गिर रही है

ताबो गोम्‍पा

इस गोम्‍पा की स्‍थापना रिंगचेन जैंगपो ने 996 ई. में की थी। जैंगपो एक प्रसिद्ध विद्धान थे। इस मठ की स्‍थापना स्‍पीती के पूर्वी क्षेत्र में एक शिक्षा केंद्र के रुप में की गई थी। वह इस गोम्‍पा को एक उच्‍चतर अध्‍ययन के केंद्र के रुप में विकसित करना चाहते थे। इस गोम्‍पा में पेंटिग्‍स तथा धर्मग्रंथों का विशाल संग्रह है। इस गोम्‍पा की दीवारों पर सुंदर चित्र बने हुए हैं। ये चित्र अजंता गुफा की चित्रों की याद दिलाता हैं। तुस्‍लांग यहां का मुख्‍य मठ है। इस गोम्‍पा में 60 धार्मिक शिक्षक रहते हैं। इस गोम्‍पा का निर्माण ईट और मिट्टी से किया गया है। यहां कश्‍मीरी शैली में बनी हुए भगवान बुद्ध की एक मूर्त्ति स्‍थापित है। 1996 ई. में इस गोम्‍पा ने अपने स्‍थापना के 1000 वर्ष पूरे किए। दलाई लामा यहां हर वर्ष जुलाई और अगस्‍त महीने में होने वाले कालचक्र प्रवर्तन समारोह का शुभारंभ करते हैं।

गुफा भित्ति

ताबो गोम्‍पा के सामने ही प्रकृति निर्मित गुफा है। इन गुफाओं में अब सिर्फ एक ही गुफा 'फो गोम्‍पा' सुरक्षित अवस्‍था में है। बाकी गुफाओं के संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग प्रयत्‍नशील है। इन गुफाओं की दीवारों पर चित्र भी बने हुए हैं। कुछ चित्र अभी भी सुरक्षित अवस्‍था में हैं। इन चित्रों में कुछ पशुओं के चित्र भी हैं। इन पशुओं में जंगली बकरा तथा तेंदुआ शामिल है।

साभार : http://buddhkathaiye.blogspot.in/

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